हिंदी में शायरी

खबर पूछते चलो...
अब आयें या न आयें इधर... पूछते चलो,
क्या चाहती है उनकी नजर पूछते चलो,
हमसे अगर है तर्क-ए-ताल्लुक तो क्या हुआ,
यारो कोई तो उनकी खबर पूछते चलो।

~ साहिर लुधियानवी

 

फिर पा न सकोगे...
खोकर हमें फिर पा न सकोगे,
जहाँ हम होंगे वह आ न सकोगे,
हरपल हमें महसूस तो करोगे लेकिन
पर हम होंगे वहां जहाँ से
हमें फिर बुला न सकोगे।

 

हजारों ने लूटा...
मौसम को मौसम की बहारों ने लूटा,
हमें तो कश्ती ने नहीं किनारों ने लूटा,
आप तो डर गए हमारी एक ही अदा से,
हमें आपकी कसम देकर हजारों ने लूटा।

 

बिखर जायें हम तो क्या...
ज़िंदा रहे तो क्या है जो मर जाएं हम तो क्या,
दुनिया से खामोशी से गुजर जाएं हम तो क्या,
हस्ती ही अपनी क्या है इस ज़माने के सामने,
एक ख्वाब हैं जहान में बिखर जायें हम तो क्या।

बिखर जायें हम तो क्या शायरी

उम्मीदों के मुकाम...
चाहत की राह में बिखरे अरमान बहुत हैं,
हम उसकी याद में परेशान बहुत हैं,
वो हर बार दिल तोड़ता है ये कह कर,
मेरी उम्मीदों के अभी मुकाम बहुत हैं।